Tuesday, 31 December 2013

मेरी सहेली

उसकी आँखों की वो चमक
अनूठी है, अद्वितीय है,
उन बाँहों की   गर्माहट,
सुनहरी है, सौम्य है,
उन होठों  की मुस्कान,
छणिक है अलबेली है,
वो थी कोई अनजान,
पर अब वो  मेरी सहेली है।

उसके चेहरे का प्रकाश,
मनो चाँद का आभारी हो।
वे मीठे मीठे गाल,
जैसे मिष्टान्नम् सारे हों।
उस मुख से निकली बात में मनो,
पंख सी कोमलता हो।
अब है वो मेरे साथ,
खुदा को अनगिनत शुक्रिया अदा हो।

Wednesday, 18 September 2013

आँसू का दिल (Aansu ka dil)

आँसू, एक छोटा सा मोती
खुली दुखियारी सीप से टपकता हुआ कहता है,
"काश ! मैं उसके दुःख में उसके साथ रो पाता,
उसके मन की व्यथा अपने दिल के अमृत से
बुझा पाता।

जा तो रहा हूँ मैं उसे छोड़कर,
ना जाने किस पथ किस डगर।
उसके दिल का  इतना भारी लेकर ,
कब तक भटकूँगा दर-बदर दर-बदर।


अब तो  कपोलों  पर आगया हूँ ,
धीरे - धीरे, सरकते- सरकते।
याद कर वो सुहाने पल,
जब मैं था उसके साथ कल ,
पर शायद वो यादें, वो पल,
फिर न होंगे मेरे साथ कल,
इसलिए आज जी रहा हूँ अपना आखिरी दिन,
मरने के बाद कौन सुनेगा इस आँसू का दिल।


बस समझलो अब मैं गया ,
शायद अधरों से ही कूद जाऊं या गले तक पहुँच जाऊं ,
मरना तो है ही तो क्यों ना अभी नष्ट हो जाऊं,
पर नहीं,
इतना कष्ट मैं  खुद नहीं लूँगा,
थोड़ा और जी लूँ फिर आराम से मरूँगा।

खुदा करे वो सलामत रहे ,
उसके दिल में हरवक्त मेरी आहत रहे
ना सताएं उसे कभी परेशानियाँ
खुश रखे सदा उसे ये फूल और वादियाँ ,
ना उसे मेरे जाने का दुःख महसूस हो ,
और ना ही मेरी मौत से वो अचंभित हो। "



कहते ही मोती ने आँख बंद करी ,
और किसी कपड़े जैसी गोद पर  लगायी,
आँखें खोली तो हर जगह,
सफेदी ही सफेदी नज़र आई।

"आखिर अपने हाथों  से ही  पोंछ दिया
मुझे मेरे जन्मदाता ने,
माँ! मैं तुझे समझ न पाया ,
माफ़ कर देना यदि कर पाओ लेजिन अपने ह्रदय से
माफ़ कर देना …"

इतना कहा ही था कि  सूरज की तपिश  ने,
अपने  बल का  फलस्वरुप प्रमाण देकर,
बुझा  दिया एक दिल को,
जा रहा था,
धीरे-धीरे,
वो मोती उस  जन्नत को।      

Tuesday, 3 September 2013

Welcome to the world of Stupidest and Crazy poems; in a Blog of a Stupid INDIAN

Hi everyone ! Welcoming you to my Blog.

My name is Aaditya "Anjaan". If you have come here to search something about poetry or Indian values then please be on this page unless leave....:)